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लेखनी कहानी -11-Jun-2022 शुक्रवार अब पत्थरवार हो गया

चारों तरफ ये कैसा हाहाकार हो गया ।

शुक्रवार का नाम अब पत्थरवार हो गया ।।

जेहादियों की भीड़ घर से निकलने लगी है 
नफरत की आग दिलों में सुलगने लगी है 
औकात दिखाने की चाहत फिर उठने लगी है 
कट्टरपन की हवाऐं अब फिर से बहने लगी हैं 
"अहिंसक" आज फिर से कसूरवार हो गया 
शुक्रवार का नाम अब पत्थरवार हो गया ।।

ईंट, पत्थर, बम, तलवार सब जोश में आ गए 
पेट्रोल बम भी उठ उठकर आक्रोश में आ गए  
दंगा, बलवा, मारकाट, इन्हीं का बोलबाला है 
धर्म की अफीम के नशे में हुआ ये मतवाला है 
अरब जगत भी इन सब का मददगार हो गया 
शुक्रवार का नाम अब पत्थरवार हो गया ।।

चारों तरफ ये कैसा हाहाकार हो गया ।
शुक्रवार का नाम अब पत्थरवार हो गया । ।

हरिशंकर गोयल "हरि" 
11.6.22 

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1 Comments

Gunjan Kamal

12-Jun-2022 10:34 AM

शानदार

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